sadhu sitting uder a tree

सच्चे गुरु की पहचान कैसे करें | राजा अजातशत्रु की कहानी

इस दुनिया में कितने ही सुख – सुविधाओं के साधन जुटा ले । एक न एक दिन तो मन उब ही जाता है । प्रत्येक मनुष्य के जीवन में एक समय ऐसा आता है, जब वह दुनिया से परे सोचने के लिए मजबूर हो जाता है । ऐसा ही समय एक बार महाराज अजातशत्रु के […]

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man chanchal kyo hota hai story

मन चंचल क्यों होता है | Why Mind is Fickle in Hindi

मन चंचल है । मन वायु से भी तीव्र है । मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण है । यह तीनों वाक्यांश आपने अवश्य सुने होंगे । लेकिन क्या आप जानते है कि मन चंचल क्यों है ? आप जानते है तो अच्छी बात है । यदि नहीं जानते है तो आइये

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Hindi Quotes

अपनी गलती को स्वीकार करें | चतुर माली की कहानी

एक समय की बात है, एक गाँव में एक माली रहता था । माली ने अपने बगीचे में तरह – तरह के सुन्दर और रंग – बिरंगे फुल लगा रखे थे । वह प्रतिदिन सुबह से शाम तक बगीचे की साफ – सफाई और देखभाल करने में लगा रहता था । माली रोज सुबह फूलों

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कोशिश करने वालों की कहानी

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती कहानी

किसी समय की बात है । एक गाँव में एक किसान रहता था । किसान बड़ा ही किस्मत वाला था । बहुत सारी जमीन, जायदाद और जानवर उसे विरासत में मिले थे । उन्हीं जानवरों में एक काफी पुराना बैल था, जो अब लगभग बुड्ढा हो चूका था । बाकि जानवर तो जंगल में चरने

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गंगाजी में धोया पाप कहाँ – कहाँ तक जाता है | एक शिक्षाप्रद कहानी

एक बार किसी गाँव में एक महात्मा सत्संग कर रहे थे, तभी कहीं से एक चोर आकर सत्संग में बैठ गया । महात्मा के सत्संग का इतना प्रभाव हुआ कि चोर को अपने पाप कर्मों से घृणा होने लगी । सत्संग समाप्त होने के बाद चोर महात्मा के पास गया और अपने पापों के प्रायश्चित

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हर चीज़ का सदुपयोग करें | महात्मा बुद्ध का उपदेश

यह उस समय की बात है, जब महात्मा बुद्ध के शिष्यों की मंडलियाँ अलग – अलग विहारों में रहा करती थी । उनके भोजनादि अन्य साधनों की देख – रेख स्वयं बुद्ध करते थे । एक दिन तथागत के एक शिष्य के वस्त्र पुराने होकर फट गये । वह तथागत के पास गया और सकुचाते

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अवसर की पहचान | दो लघु शिक्षाप्रद कहानियाँ

हमारी परेशानी की सबसे बड़ी वजह यह है कि हमें अवसर की पहचान नहीं है । हममें से अधिकांश लोग या तो भूत में जीते है या भविष्य में और इसी कश्मकश में वह वर्तमान का आनंद नहीं ले पाते है । आज को आज ही यदि अच्छे से जिया जाये तो आनेवाला कल अपने

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सच्चा आत्मज्ञानी कौन | आत्मज्ञान की कहानियाँ

एक बार काकभुशुण्डि जी के मन में यह जिज्ञासा हुई कि “ क्या कोई ऐसा दीर्घजीवी व्यक्ति भी हो सकता है, जो शास्त्रों का प्रकाण्ड विद्वान हो, लेकिन फिर भी उसे आत्मज्ञान न हुआ हो । अपनी इस जिज्ञासा का समाधान पाने के लिए वह महर्षि वशिष्ठ से आज्ञा लेकर ऐसे व्यक्ति की खोज में

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महात्मा बुद्ध का उपदेश | परमज्ञान की तीसरी मंजिल

एक बार एक नवयुवक ने आत्मबोध करने के लिए महात्मा बुद्ध से दीक्षा ली । उसने दीक्षा तो ले ली लेकिन कई दिन बीतने पर भी उसे आत्मबोध नहीं हुआ । प्रतिदिन वो बुद्ध के उपदेश सुन – सुनकर बोर होने लगा । आखिर एक दिन उसने सोचा कि “ ये सब पागल है जो

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माला में 108 मनके ही क्यों होते है | Why 108 Beads in Mala in Hindi

किसी भी प्रकार की साधना और उपासना में मन्त्र जप का अपना ही अलग स्थान है । वैदिक मन्त्रों से लेकर प्रचलित राम, कृष्णा आदि कोई भी मन्त्र क्यों न हो, माला के माध्यम से मन्त्र जप को प्रभावी बनाया जाता है । वैसे मन्त्र जप बिना माला के भी किया जा सकता है, लेकिन

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