August 2018

रक्षा बंधन की पौराणिक कहानियाँ

रक्षाबंधन का इतिहास व पौराणिक कथाएं

भारत में रक्षाबंधन की शुरुआत कब हुई, इसकी कोई निश्चित तिथि तो पता नहीं लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार रक्षाबंधन का आरम्भ सतयुग से माना जाता है । देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर की रक्षाबंधन की शुरुआत पौराणिक काल में बहुत बड़े दानवीर तथा भगवान विष्णु के परमभक्त एक राजा हुए थे […]

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रक्षाबन्धन

रक्षाबंधन का महत्त्व | राखी कैसे मनाते है

भारत में रक्षाबंधन की शुरुआत पौराणिक काल से मानी जाती है । विशेषरूप से भारत में रक्षाबंधन को हिन्दू और जैन अनुयायी मनाते है । रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा ( इस साल 26 अगस्त रविवार ) को मनाया जाता है, इसलिए इसे श्रावणी, सलूनो और राखी भी कहते है । वैसे तो श्रावण मास

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shiv ka sachcha bhakt

शिव का सच्चा भक्त कौन | एक शिव भक्त की कहानी

सोने का थाल – कहानी एक नगर में भगवान शिव का एक भव्य मंदिर था । जहाँ हर वर्ष दूर – दूर से भक्तजन शिवजी के दर्शन के लिए आते रहते थे । श्रावण का महिना था । दूर – दूर से कावड़िये कावड़ लेकर भगवान शिव को जलाभिषेक करने आये हुए थे । मंदिर

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नाम जप की महिमा कहानी

श्रद्धा नहीं तो नाम जप बेकार | नाम जप की महिमा

एक गाँव में एक साधू महाराज रहते थे । साधू महाराज जहाँ भी जाते, नाम जप पर उपदेश देते थे । साधू महाराज की नाम जप पर अगाध श्रृद्धा को देखकर कई लोगों ने उनसें राम नाम की दीक्षा ली । कुछ लोग तो उनके सानिध्य में रहकर ईश्वर का अनुग्रह पाने के लिए उनके

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वास्तु में दिशाए

वास्तु शास्त्र का महत्त्व | पिरामिड पॉवर – उर्जा का प्रवाह

यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड विभिन्न प्रकार की उर्जाओं से संचालित है । सभी ग्रह – नक्षत्र उर्जा के कुछ निश्चित घेरों में चक्कर काटकर एक दुसरे के स्थायित्व को बनाये रखते है । इसे यदि आप छोटे स्तर पर देखना चाहे तो नवीं – दसवीं की विज्ञान की पुस्तक खोलकर देख सकते है । उसमें स्पष्ट

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वैद्यजी की चिकित्सा

वैद्यजी और झूठे ब्रह्मज्ञानी की कहानी | दो लघु कथाएँ

एक नगर में एक शुभचिंतक राजा रहता था । राजा अपनी प्रजा से बड़ा ही स्नेह – प्रेम करता था । दुर्भाग्य से उनके राज्य में एक महामारी फ़ैल गई । जिसके रहते लोग मरने लगे और राज्य की अधिकांश जनता अपंग हो गई, लेकिन राज्य में कोई वैद्य नहीं था । राजा ने पड़ोसी

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