April 2018

पाप का गुरु कौन | प्रेरणाप्रद कहानी

किसी समय काशी शिक्षा की नगरी कही जाती थी । लम्बे समय से यह परम्परा रही है कि प्रत्येक बालक जो ब्राह्मण के घर में जन्म लेता था, उसे काशी जाकर वेदादि शास्त्रों का अध्ययन करना होता था । तभी वह कर्मकाण्ड आदि पुरोहिताई के कार्य करने के योग्य होता था । एक बार की […]

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अपना स्वभाव बदले – दो लघुकथाएं

“जैसा आपका स्वभाव होता है, वैसा ही आपका प्रभाव होता है” – इस तथ्य के सत्य को यदि आप परखना चाहते है तो सूक्ष्म दृष्टि से स्वयं का या अपने निकटवर्ती लोगों का अध्ययन करना शुरू कर दीजिये । आप पाएंगे कि यह बात शत प्रतिशत सत्य है । लेकिन कैसे ? आइये जानते है

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स्वामी विवेकानंद के प्रेरक प्रसंग

स्वामीजी की स्पष्टवादिता बालक नरेंद्र किशोरावस्था से ही ईश्वर प्राप्त गुरु की खोज में थे । पढ़ने – लिखने में तो वह अव्वल थे ही लेकिन ‘ईश्वर की खोज’ उनके लिए एक ऐसी अबूझ पहेली बनी हुई थी, जिसका जवाब वह जिस किसी साधू संत को देखते, उसी से पूछने लगते कि – “ क्या

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प्रकृति का उपहार – प्रतिध्वनि | वनपरी की कहानी

एक गाँव में मनोज नाम का एक लड़का रहता था । घर में माँ – पिताजी, दादा – दादी, भाई – बहिन सब कोई थे, लेकिन जैसे – जैसे उम्र बढ़ती गई, मनोज की अपने परिवार से दूरियाँ भी बढ़ती जा रही थी । वह अपना ज्यादातर समय अकेला या दोस्तों के साथ बिताता था

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अंधविश्वास का जन्म कहानी

एक गाँव से थोड़ी ही दूर जंगल में एक गुरूजी और उनके शिष्य कुटिया बनाकर रहते थे । उस जंगल में चूहों का बड़ा भारी आतंक था । आये दिन चूहे रात्रिकालीन समय में गुरूजी की कुटिया पर आक्रमण करते और अनाज बिखेर देते थे । कुछ नहीं मिलता तो धार्मिक ग्रंथो को कुतर कर

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जीवन की महत्ता हिंदी कहानी

एक नगर में एक बड़ा ही चतुर और बुद्धिमान सेठ रहता था । अपनी चतुरता के रहते सेठ ने खूब धन – दौलत कमाई । घर में भी धन – धान्य की कोई कमी नहीं थी । तिजोरियाँ स्वर्ण मुद्राओं और आभूषणों से भरी पड़ी थी । सेठ के घर में केवल तीन सदस्य थे

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