suvichar photo

जो होता है अच्छे के लिए होता है | A Hindi Short Story

जो होता है अच्छे के लिए होता है । बात सभी जानते है लेकिन सभी मानते नहीं । इसी को लेकर मेरे एक दोस्त का किस्सा याद आता है जो उसने मुझे कभी सुनाया था । उसे मैंने अपने तरीके से लिखने की कोशिश की है । कहानी को सरल बनाने के उद्देश्य से केवल दो ही पर्सन का प्रयोग किया गया है । वह इस प्रकार बताता है –

एक दिन मैं गार्डन घुमने गया । वैसे मुझे गार्डन घुमने का कोई शौक नहीं है लेकिन फिर भी जब कभी कोई काम होता है तो घूमते – घूमते पहुँच जाता हूँ । ऐसे ही एक दिन ऐसे घूमते – घूमते गार्डन पहुँच गया । मैंने देखा कि वहाँ मेरा एक दोस्त मुँह लटकाए पहले से बैठा हुआ था । मैं उसके पास गया और बोला – “ और भाई ! कैसे हो ? ”

वो सिर पर हाथ रखते हुए बोला – “ यार ! पूछ मत !”

मैंने कहा – “ क्यों ! क्या हुआ । ऐसा कोनसा पहाड़ टूट पड़ा जो तू इतना परेशान है ।”

मना करते हुए बोला – “ रहने दे भाई तू नहीं समझेगा ! ”

मैं बोला – “ तू बतायेगा तो समझूंगा न ! ”

तो वह बोला – “ क्या बताऊ यार ! जो करता हूँ सब उल्टा हो जाता है ।”

मैं बोला – “ टेंशन मत ले भाई ! जो होता है सब अच्छे के लिए होता है ।”

तो वो गुस्सा हो गया और बोला – “ मैंने कहा था न, तू नहीं समझेगा ! मैं एग्जाम में फ़ैल गया, और तू कहता है – जो होता है सब अच्छे के लिए होता है ।”

अब मैं थोड़ा सीरियस हो गया । मैंने कहा – “ सॉरी यार  ! मुझे नहीं पता था कि तेरे पर इतनी बड़ी विपत्ति आ पड़ी है । लेकिन तू कुछ भी कह – “ जो होता है अच्छे के लिए ही होता है ।”

अब वो गुस्से से मुझे घूरने लगा । मैंने शांति से कहा – “ देख मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ –

Note – यह कहानी आपने जरुर सुनी होगी लेकिन इसमें अंत में कुछ नया होने वाला है । जानने के लिए पढ़ते रहिये !

अकबर – बीरबल की कहानी – जो होता है अच्छे के लिए होता है

एक बार अकबर और बीरबल दोनों कुछ सैनिकों को लेकर शिकार पर गये । शिकार के समय तलवार निकलते हुए अकबर का अंगूठा कट गया । अकबर परेशान हो गया । उसने तुरंत अपने सैनिकों से कहा – “ सैनिको जल्दी से जाओ और वैद्यजी जो बुलाकर लाओ । देखो मेरा अंगूठा कट गया । कितना खून बह रहा है ।”

इतने में पीछे से बीरबल आया और बोला – “ इसपर कपड़ा बांध लीजिये और आराम कीजिये । जो होता है अच्छे के लिए होता है ।”

अकबर को बीरबल पर गुस्सा आया । वह बोला – “ बीरबल ! यह बात तू कह रहा है । मैं तो तुझे अपना हितेषी समझता था और तू …….. सैनिको ! वैद्यजी को बाद में लाना । पहले इस बीरबल को ले जाओ और ले जाकर उल्टा लटका दो । पूरी रात कोड़े मारना और सुबह फांसी पर चड़ा देना ।”

महाराज की आज्ञा पाकर सैनिकों ने बीरबल को बंदी बना लिया । अकबर कुछ सैनिको को लेकर जंगल में निकल गया । कुछ समय बाद जंगल में तूफान आया जिसमे अकबर अपने सैनिको से खो गया । भटकते – भटकते अकबर भीलों के हाथ लग गया । वह लोग उसे उठाकर ले गये और उनकी देवी के सामने जाकर बिठा दिया । पुजारी उसकी बलि चढ़ाने वाला था ही कि एक भील बोला – “ इसका तो अंगूठा कटा हुआ है । यह तो अशुद्ध है, हम इसकी बलि नहीं दे सकते ।” और उन्होंने अकबर को छोड़ दिया ।

अब अकबर को समझ में आया कि – “ जो होता है अच्छे के लिए होता है ”। उसे याद आया की आज सुबह बीरबल को फांसी लगने वाली है । वह भागा – भागा आया । उसने देखा कि बीरबल फंदे को गले में पहनकर खड़ा है । अकबर ने उसे नीचे उतरवाया और उसके पैर पकड़ लिए और फुट – फुटकर रोने लगा ।
अकबर ने अपनी सारी घटना बीरबल को सुनाई और माफ़ी मांगने लगा । बीरबल बोला – “ माफ़ी – वाफी मांगने की जरूरत नही है महाराज ! जो होता है अच्छे के लिए ही होता है ।”

अकबर बोला – “ बीरबल ! क्या तुम पागल हो । मेरी नासमझी की वजह से रात भर तुमने कोड़े खाए और फिर भी कहते हो – जो होता है अच्छे के लिए होता है ।”

बीरबल बोला – “ महाराज ! यदि मैं यहाँ कोड़े नहीं खा रहा होता तो आपके साथ होता और यदि मैं आपके साथ होता तो वो लोग मेरी बलि चढ़ा देते ।”

अब अकबर को समझ में आया की सच में – जो होता है अच्छे के लिए होता है ।

पूरी कहानी सुनने के बाद मेरा दोस्त बोला – “ देख कहानी तो मस्त है लेकिन यह सब केवल कहानी और किताबों में होता है । रियल लाइफ में ऐसा कुछ नहीं होता ।”

मैंने कहा – “ तुझे विश्वास नहीं होता तो करके देख ले ।”

वह बोला – “ अच्छा ! (सामने गार्डन में टहलती हुई एक लड़की की ओर इशारा करते हुए ) अगर मैं उस लड़की को छेडू तो इसमें क्या अच्छा है ? ”

मैं बोला – “ मैंने कहा ना, भरोसा नहीं है तो करके देख ले ! ”

वह उठकर उस लड़की की ओर चल दिया । उसने जाकर उस लड़की को छेड़ा । लड़की ने पलटकर एक थप्पड़ जड़ दिया और गालियाँ देनी शुरू कर दी । चप्पल लेकर उसपर झपटी । इतने में वह सॉरी बोलकर भागा ।

अब वह मुझसे आकर पूछने लगा – “ बता ! अब इसमें क्या अच्छा हुआ ?”

मैंने सहजता से कहा – “ सामने एक और लड़की जा रही है, उसको भी छेड़कर देख ? ”

वह बोला – “ पागल है क्या ? मुझे यहाँ गार्डन में दफ़न थोड़े ही होना है जो लड़की छेडू !”

मैं मुस्कुराते हुए कहा – “ भाई ! इतना बड़ा एक्सपीरियंस मिल गया और क्या चाहिए ? ”

वह बोला – “ चल ठीक है ! मुझे यह सीख मिल गई । उस लड़की को क्या मिला ? वह तो बिचारी बेवजह परेशान हुई और चिल्लायी ।”

मैं बोला – “ बेटा ! जो होता है अच्छे के लिए होता है । वह देख गार्डन से बाहर तीन आशिक जा रहे है । वह बहुत देर से इस लड़की को घुर रहे थे लेकिन जैसे ही तेरी आरती उतरी वो यहाँ से यह सोचकर रवाना हो लिए कि कहीं हमारा भी नंबर न आ जाये । अब वह लोग इसका नेचर जान चुके है इसलिए शायद ही कभी इसको छेड़े । इसके साथ ही उस लड़की का होसला भी बढ़ गया । यह कम है क्या ?”

अब वह भी कह उठा – “ जो होता है अच्छे के लिए होता है ”

कहानी कितनी सच है, यह तो बताने वाला ही जाने लेकिन है प्रेरणाप्रद ! मैं इतना जरुर कहना चाहूँगा कि सार्वजानिक स्थानों पर लड़कियों को छेड़ने वालो को मुंहतोड़ जवाब दे ही देना चाहिए । ताकि अवसर की ताक लगाये दुसरे कुत्ते दुम दबाकर भाग खड़े हो ।

दोस्तों ! “ जो होता है अच्छे के लिए होता है ” इस विचार को लेकर आपकी क्या राय है ? यदि आपको यह कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों को शेयर जरुर करें । धन्यवाद !

2 thoughts on “जो होता है अच्छे के लिए होता है | A Hindi Short Story”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *