पौराणिक कहानियाँ

चार सप्ताह की भागवत

भागवत कथा का लाभ कब मिलता है

एक बार किसी धनवान व्यक्ति ने सुना कि राजा परीक्षित ने वीतराग शुकदेव मुनि से भागवत कथा सुनकर मोक्ष प्राप्त कर लिया था। तो उसके ह्रदय में भी श्रीमद्भागवत के प्रति बड़ी श्रृद्धा उत्पन्न हो गई। उसने सोचा कि मैं भी क्यों ना भागवत कथा सुनकर मोक्ष की प्राप्ति कर लूँ। अब वह धनवान व्यक्ति […]

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गणेशजी के मन्त्र

श्री गणेश जी से जुड़े अनोखे तथ्य | गणेश चतुर्थी महोत्सव

गणेश चतुर्थी सभी त्योहारों की तरह गणेश चतुर्थी भी हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है जो पुरे भारत सहित महाराष्ट्र में बड़े ही हर्ष के साथ मनाया जाता है । पौराणिक आख्यानों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेशजी का जन्मदिन माना जाता है । उसी ख़ुशी में गणेश पूजन किया जाता है । भगवान श्रीगणेश

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च्यवन ऋषि की कथा | सुकन्या का साहस

एक पौराणिक कथानक है । पौराणिक समय में शर्याति नामक एक राजा हुए है, जो वैवस्त मनु के दस पुत्रों में से एक थे । राजा शर्याति जब भी समय मिलता, अपने परिजनों के साथ बिताते थे । एक बार राजा शर्याति अपने परिजनों के साथ वन विहार कर रहे थे । दिन भर घूमते

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रक्षा बंधन की पौराणिक कहानियाँ

रक्षाबंधन का इतिहास व पौराणिक कथाएं

भारत में रक्षाबंधन की शुरुआत कब हुई, इसकी कोई निश्चित तिथि तो पता नहीं लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार रक्षाबंधन का आरम्भ सतयुग से माना जाता है । देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर की रक्षाबंधन की शुरुआत पौराणिक काल में बहुत बड़े दानवीर तथा भगवान विष्णु के परमभक्त एक राजा हुए थे

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कर्ण का वध कैसे हुआ

कर्ण के जीवन की दो बड़ी गलतियाँ क्या है | कर्ण वध महाभारत

कभी कभी अनजाने में हमसें ऐसी गलतियाँ हो जाती है, जिन्हें लाख कोशिशों के बावजूद भी सुधारा नहीं जा सकता । ऐसा ही कुछ अंगराज कर्ण के साथ हुआ था । अंगराज कर्ण ने अपने जीवन में दो गलतियाँ ऐसी की थी । जिसका परिणाम अंत में उन्हें मृत्यु के रूप में मिला । कर्ण

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देवी गंगा और शांतनु

गंगापुत्र भीष्म के जन्म का रहस्य | महर्षि वशिष्ठ का वसुओं को श्राप देना

प्राचीन समय की बात है । राजर्षि प्रतीप के पुत्र महाराजा शान्तनु इंद्र के समान तेजस्वी थे । शान्तनु अपने राज्य के हिंसक पशुओं का शिकार करने के उद्देश्य से अक्सर जंगल में घूमते रहते थे । राजा शान्तनु यदा कदा जंगली भैसों का शिकार करते हुए परम पावनी नदी गंगा के किनारे जा पहुँचते

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शांतनु और गंगा

राजा महाभिष को ब्रह्माजी का शाप | राजा शान्तनु के जन्म की कथा

प्राचीन समय की बात है । इक्ष्वाकुवंश में महाभिष नामक राजा प्रसिद्ध था । राजा महाभिष बड़ा ही सत्यानुरागी और धर्मपरायण था । उसने एक सहस्त्र अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ करके देवराज इन्द्र को प्रसन्न कर लिया । इस प्रकार यज्ञों के पूण्य फल के रूप में राजा को स्वर्गलोक की प्राप्ति हो गई

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सच्चा आत्मज्ञानी कौन | आत्मज्ञान की कहानियाँ

एक बार काकभुशुण्डि जी के मन में यह जिज्ञासा हुई कि “ क्या कोई ऐसा दीर्घजीवी व्यक्ति भी हो सकता है, जो शास्त्रों का प्रकाण्ड विद्वान हो, लेकिन फिर भी उसे आत्मज्ञान न हुआ हो । अपनी इस जिज्ञासा का समाधान पाने के लिए वह महर्षि वशिष्ठ से आज्ञा लेकर ऐसे व्यक्ति की खोज में

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महाभारत के कर्ण का जन्म कैसे हुआ | नर और नारायण के अवतार की एक रहस्यमयी कथा

यह प्रश्न आपके दिमाग में अवश्य आये होंगे कि महारानी कुंती का ज्येष्ठ पुत्र और परम तेजस्वी सूर्य का अंश होते हुए कर्ण को महाभारत में इतना अपमान और ज़िल्लत क्यों सहनी पड़ी ? आखिर ऐसी कोनसी दुश्मनी थी अर्जुन और कर्ण में जो उसने कभी भी अपने बड़े भाई को सम्मान की दृष्टि से

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महाराजा शिवि की दयालुता | राजा शिबि और दो पक्षियों की कहानी

पुरुवंश में जन्मे उशीनर देश के राजा शिवि बड़े ही परोपकारी और धर्मात्मा थे । जो भी याचक उसने द्वार जाता था, कभी खाली हाथ नहीं लौटता था । प्राणिमात्र के प्रति राजा शिवि का बड़ा स्नेह था, अतः उनके राज्य में हमेशा सुख – शांति और स्नेह का वातावरण बना रहता था । राजा

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