रक्षाबन्धन

रक्षाबंधन का महत्त्व | राखी कैसे मनाते है

भारत में रक्षाबंधन की शुरुआत पौराणिक काल से मानी जाती है । विशेषरूप से भारत में रक्षाबंधन को हिन्दू और जैन अनुयायी मनाते है । रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा ( इस साल 26 अगस्त रविवार ) को मनाया जाता है, इसलिए इसे श्रावणी, सलूनो और राखी भी कहते है । वैसे तो श्रावण मास […]

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shiv ka sachcha bhakt

शिव का सच्चा भक्त कौन | एक शिव भक्त की कहानी

सोने का थाल – कहानी एक नगर में भगवान शिव का एक भव्य मंदिर था । जहाँ हर वर्ष दूर – दूर से भक्तजन शिवजी के दर्शन के लिए आते रहते थे । श्रावण का महिना था । दूर – दूर से कावड़िये कावड़ लेकर भगवान शिव को जलाभिषेक करने आये हुए थे । मंदिर

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नाम जप की महिमा कहानी

श्रद्धा नहीं तो नाम जप बेकार | नाम जप की महिमा

एक गाँव में एक साधू महाराज रहते थे । साधू महाराज जहाँ भी जाते, नाम जप पर उपदेश देते थे । साधू महाराज की नाम जप पर अगाध श्रृद्धा को देखकर कई लोगों ने उनसें राम नाम की दीक्षा ली । कुछ लोग तो उनके सानिध्य में रहकर ईश्वर का अनुग्रह पाने के लिए उनके

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वास्तु में दिशाए

वास्तु शास्त्र का महत्त्व | पिरामिड पॉवर – उर्जा का प्रवाह

यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड विभिन्न प्रकार की उर्जाओं से संचालित है । सभी ग्रह – नक्षत्र उर्जा के कुछ निश्चित घेरों में चक्कर काटकर एक दुसरे के स्थायित्व को बनाये रखते है । इसे यदि आप छोटे स्तर पर देखना चाहे तो नवीं – दसवीं की विज्ञान की पुस्तक खोलकर देख सकते है । उसमें स्पष्ट

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वैद्यजी की चिकित्सा

वैद्यजी और झूठे ब्रह्मज्ञानी की कहानी | दो लघु कथाएँ

एक नगर में एक शुभचिंतक राजा रहता था । राजा अपनी प्रजा से बड़ा ही स्नेह – प्रेम करता था । दुर्भाग्य से उनके राज्य में एक महामारी फ़ैल गई । जिसके रहते लोग मरने लगे और राज्य की अधिकांश जनता अपंग हो गई, लेकिन राज्य में कोई वैद्य नहीं था । राजा ने पड़ोसी

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shivaji ko budhiya ki sikh

शिवाजी को बुढ़िया की सीख | शिवाजी महाराज के प्रेरक प्रसंग

एक बार शिवाजी युद्ध के दौरान बुरी तरह से थक गये । आस – पास कुछ न देख वह एक वनवासी बुढ़िया के घर में जा घुसे । बहुत भूख लगी थी अतः उन्होंने कुछ खाने के लिए माँगा । सैनिक समझकर बुढ़िया ने उनके लिए प्रेम पूर्वक भात पकाकर एक पत्तल पर परोस दिया

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शिवाजी की कहानियां

छत्रपति शिवाजी व समर्थ गुरु रामदास के प्रेरक प्रसंग

गुरुदेव की अमानत | शिवाजी का सन्यास छत्रपति शिवाजी अक्सर अपने गुरु समर्थ गुरु रामदास से मिलने जाया करते थे । समर्थ गुरु की मस्ती और आनंद को देखकर शिवाजी का मन भी कभी – कभी इस परेशानियों से भरे राजकाज से छुटकारा पाने को करता था । दिन दुगुनी रात चौगुनी समस्याओं से लड़ते

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ishvar vishvas ki kahaniya

ईश्वर विश्वास की तीन आध्यात्मिक कहानियां

ईश्वर विश्वास की पराकाष्ठा एक बार दो व्यक्ति व्यापार के लिए दुसरे देश गये । उन दोनों में से एक था पक्का आस्तिक और एक था पक्का नास्तिक । आस्तिक अपने जीवन में हमेशा ईश्वर को धन्यवाद देता था । चाहे उसके साथ अच्छा हो या बुरा । नास्तिक हमेशा ईश्वर को कोसता रहता था

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paramhansa vishuddhanand

स्वामी विशुद्धानन्द परमहंस के अद्भुत प्रसंग

बंगाल राज्य के वर्धमान जिले के बण्डूल में चट्टोपाध्याय वंश लम्बे समय से अतिथि सेवा और भक्ति के लिए प्रसिद्ध है । फाल्गुन मास का 29वा दिन था, वसंत का आगमन हो चुका था, जन्म जन्मांतरों के पुण्य फल का उदय हुआ था जो श्री अखिल चंद्र चट्टोपाध्याय और उनकी सहधर्मिणी देवी राजराजेश्वरी को भगवती

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रामकृष्ण परमहंस का केंसर और माँ काली की कहानी

स्वामी रामकृष्ण परमहंस का आत्मवत्सर्वभूतेषु का विचार

स्वामी रामकृष्ण परमहंस न केवल दक्षिणेश्वर काली के पुजारी थे, बल्कि माँ काली के परमभक्त भी थे । वह अक्सर माँ काली के साक्षात् दर्शन करते थे, तथा उन्हें भोजन कराते थे । सौभाग्य से वही स्वामी विवेकानंद के गुरु भी हुए । एक बार की बात है । जब स्वामी रामकृष्ण परमहंस को गले

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