आध्यात्मिकता

पूण्य का तराजू | एक शिक्षाप्रद कहानी

कुशीनगर का राजा लोगों के पूण्य खरीदने के लिए प्रसिद्ध था । धर्मराज ने उसकी धर्मपरायणता और सत्य निष्ठा से प्रभावित होकर उसे एक पूण्य का तराजू दिया था, जिसके एक पलड़े को छूकर जो कोई भी अपने पूण्य कर्मों का स्मरण करता, दुसरे पलड़े में दैवीशक्ति से उस पूण्य कर्म के बराबर स्वर्ण मुद्राएँ […]

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आध्यात्मिकता की आवश्यकता

जब कभी कोई व्यक्ति आध्यात्मिकता की ओर बढ़ने लगता है तो उसके सांसारिक शुभचिंतक बहुत चिंतित हो जाते है । उन्हें लगता है कि लड़का भटक गया है, इसे नहीं रोका गया तो योगी, सन्यासी और साधू – महात्मा हो जायेगा । वे उसे समझाना शुरू कर देते है, ना मानने पर डांट और फटकार

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